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गौ माता करें पुकार - लेखनी प्रतियोगिता

गौ माता करें गुहार, 
श्याम तुम आ जाओ।
गौ के पालनहार ,
श्याम तुम आ जाओ।
हम होते हैं अब बेजार,
नाथ तुम आ जाओ। 

गौपालक अब हमें न रखते,
दूध दुहा और दूर ठेलते,
हुए है बेघरबार,
श्याम तुम आ जाओ।

भूखे प्यासे मारे मारे,
गली गली हम फिरते रहते,
कोई नहीं है देखनहार,
मुरलीधर आ जाओ।

गौ माता करें गुहार, 
श्याम तुम आ जाओ।
सड़कों पर हम भटके रहते,
कहीं मिले ना सार!
मनमोहन आ जाओ।

गौ माता करें गुहार, 
श्याम तुम आ जाओ।

पहली रोटी अब ना मिलती,
स्वार्थी हुआ इंसान,
घनश्याम तुम आ जाओ।
गौमाता करतीं गुहार,
बंशीधर आ जाओ।

ट्रक और रेल से कट जाते हैं,
बूढ़ी हुईं तो कसाई खाते हैं।
हमारे आंसू करें पुकार।
श्याम तुम आ जाओ।

सड़कों के इनने जाल बिछाए,
हमें कभी वह समझ ना आए,
हम जाकर बैठ हैं जाएं।
श्याम तुम राह दिखाओ।

मुरली तुमने खूब सुनाई।
अधर मुरलिया पा दौड़ीं आई।
कहां हो तुम घनश्याम!
याद करें हम आठों याम।
गोपाला आ जाओ।
गौ माता करें गुहार, 
श्याम तुम आ जाओ।

चारा बचा न, बंजार पड़ा है।
घूरों पर पन्नी भंडार पड़ा है। 
भूखी फिरतीं हम, वही खाएं,
तड़प कर मरतीं हम जाएं,
गोपाल हमें चरा लाओ। 

चारागाह रहे ना दूर तक,
कंक्रीट का जंगल पड़ा है।
न ठिकाना रहा हमार!
श्याम तुम आ जाओ। 

कोई करे ना हमको प्यार,
आंख से आंसू बहते हमार,
सूरत दिखला जाओ।

पहले हमें गोमाता कहते थे,
अब मनुज करें व्यापार,
श्याम तुम आ जाओ। 

तुम बिनु तरसें इस संसार,
कहां से होगा हमारा गुजार,
श्याम तुम आ जाओ। 

श्याम तुम आ जाओ।
गौ माता करें गुहार, 
श्याम तुम आ जाओ।
*****************
शोभा शर्मा , छतरपुर म.प्र.से

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4 Comments

बंजर होता है

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मार्मिक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति

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Sushi saxena

09-Sep-2023 08:53 PM

Nice

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